भाव प्रकाश निघंटु का अर्थ
[ bhaav perkaash nighentu ]
भाव प्रकाश निघंटु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- आयुर्वेद का एक मूल ग्रन्थ:"भावप्रकाश के रचनाकार आचार्य भाव मिश्र हैं"
पर्याय: भावप्रकाश, भाव प्रकाश, भाव-प्रकाश, भावप्रकाश निघंटु, भाव-प्रकाश निघंटु
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इस वनस्पति का भी जिक्र भाव प्रकाश निघंटु में नहीं है ।
- आचार्य भावमिश्र ( १५००-१६००) द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु में इसे पद्मबीजाभ एवं पानीय फल कहा गया है ।
- आचार्य भाव मिश्र [ 1500-1600] रचित भाव प्रकाश निघंटु के अनुसार इसकी छाल का उपयोग वातानुलोमक एवं प्रतिदूषक होता है।
- आचार्य भाव मिश्र ( १५००-१६००) रचित भाव प्रकाश निघंटु के अनुसार इसकी छाल का उपयोग वातानुलोमक एवं प्रतिदूषक होता है ।
- संजीवनी बूटी की तलाश में मैंने आयुर्वेद के एक प्रमुख ग्रंथ भाव मिश्र द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु तलाशा ।
- भाव प्रकाश निघंटु के संदर्भ से बताया गया है कि इसमें कीड़े मारने तथा पाचन प्रणाली ठीक करने के गुण एक साथ निहित हैं।